आइए अब हम हमारे ध्यान को चपरास की ओर लगाते है जिसके द्वारा महायाजक इस्राएल के लोगों का न्याय करता था। उपरका भाग हमें कहता है की न्याय की चपरास को कपड़े से चौकोर और दोहरे नाप से बनाया था और उसकी लम्बाई और चौड़ाई एक एक बित्ते की थी। इस कपड़े को सोने, नीले, बैंजनी, और लाल कपड़े और बटी हुई सनी के कपड़े को एकसाथ मिलाकर बुना गया था। इस कपड़े के ऊपर चार पंक्ति में बारह कीमती मणि लगाए गए थे। परमेश्वर ने मूसा से यह भी कहा था की वह उरीम और तुम्मीम को भी न्याय की चपरास पर लगाए। यहाँ उरीम और तुम्मीम का मतलब है ‘प्रकाश और संपूर्णता।’
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यह भाग मिलापवाले तम्बू के आँगन के खम्भे, परदे, लटकते हुए सफ़ेद बटी हुई सनी के कपड़े, पट्टिया, कुण्डी, पीतल की कुर्सियां, और पीतल...
आज हम महायाजक के अभिषेक के बारे में देखेंगे। यहाँ परमेश्वर ने मूसा को हारून और उसके बेटों को किस रीति से अभिषेक करना...
इस्राएल के लोगों के बिच में से किसी भी पापी को अपने पापों के लिए, तम्बू के पास बलिदान का अर्पण लाना पड़ता था,...